Religious Marvels

Jain Temple,Barnawa,Baghpat

श्री 1008 चन्द्रप्रभु भगवान का अतिशयकारी जैन मंदिर, बरनावा बरनावा हिंडनी (हिण्डन) और कृष्णा नदी के संगम पर बागपत जिले में मेरठ से लगभग 35 किलोमीटर की दूरी स्थित है। यहाँ श्री 1008 चन्द्रप्रभु भगवान की 2700 वर्ष प्राचीन चतुर्थकालीन प्रतिमा विराजमान है। 1300 वर्ष प्राचीन मल्लिनाथ भगवान की प्रतिमा 100 वर्ष प्राचीन मंदिर की मूलनायक प्रतिमा है। यह प्राचीन गांव 'वारणावत' या 'वारणावर्त' है। बाद में बिगड़कर बरनावा नाम बन गया। राज्य परिवर्तन में मुगल शासक भी चन्द्रप्रभु के मंदिर को तोड़ने लगे तो क्षेत्रपाल ने दुष्टों को निर्बल बना दिया था तभी से अतिशय क्षेत्र के नाम से जानने लगे। आचार्य श्री विमल सागरजी एवं श्री भरत सागरजी को क्षेत्र पर ध्यान योग लगा। संवत् 1917 में मेरठ शहर में जन्में श्री लालमन दास ने जैन धर्म का प्रचार-प्रसार कर बहुत से अनूठे कार्य किये। सन् 1908 में बरनावा का मंदिर छोटा एवं अधूरा होने पर भगवान चन्द्रप्रभः मंदिर का विकास किया। यहां की खोदी हुई मिट्टी को मस्तक पर लगाने से पीड़ा दूर हो जाती है। खुदाई करते समय सफेद रंग का सर्प आया फिर लुप्त हो गया। श्री नमिसागरजी महाराज को रात्रि समय मंदिर में इन्द्र देव जिनेन्द्र देव की पूजा आरती करते दिखाई भी दिये। आचार्य विमलसागरजी महाराज ने ध्यान लगाकर जानकारी दी, कि तहखाने में अटूट धन सम्पत्ति है।



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