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SHAHEAD STHAL BIJRAUL BAGHPAT शहीद स्थल, बिजरौल,बागपत.

शहीद स्थल, बिजरौल,बागपत. बाबा शाहमल की वीरता की पहचान बिजरौल गांव स्वतंत्रता संग्राम में बिजरौल गांव निवासी बाबा शाहमल ने दिया था अहम योगदान बाबा के नेतृत्व में किसानों ने हमला कर बड़ौत तहसील पर से सरकारी खजाना लूट लिया था 10 मई 1857 को मेरठ से शुरू हुई क्रांति में बागपत जनपद के बिजरौल गांव निवासी बाबा शाहमल ने भी अहम भूमिका निभाई थी। क्रांतिकारी बाबा शाहमल के नेतृत्व में हजारों किसानों ने बड़ौत तहसील पर हमला बोलकर सरकारी खजाना लूट लिया था। अंतिम मुगल शासक बहादुर शाह जफर ने बड़ौत क्षेत्र का सूबेदार नियुक्त किया। बिजरौल गांव में आज भी बाबा शाहमल की वीरता और शहादत का गुणगान होता है। स्वतंत्रता के लिए उठी चिंगारी की आग बागपत और बड़ौत क्षेत्र में भी फैली। बागपत के बिजरौल गांव के रहने वाले क्रांतिकारी बाबा शाहमल के नेतृत्व में हजारों किसानों ने बड़ौत तहसील पर हमला बोलकर सरकारी खजाना लूट लिया था। भारत में क्रांतिकारियों की अगुवाई करने वाले अंतिम मुगल शासक बहादुर शाह जफर ने दिल्ली दरबार से शाहमल को बड़ौत क्षेत्र का सूबेदार नियुक्त किया। इसके बाद अंग्रेजों को रसद पहुंचाने के लिए प्रयोग किया जाने वाला बागपत में यमुना किनारे बना नाव का पुल बारूद से उड़ा दिया था। कई बार अंग्रेजी हुकूमत के दांत खट्टे करने वाले बाबा शाहमल पर 18 जुलाई 1857 में बड़का गांव के जंगल में हमला बोल दिया। एटोनॉकी नामक फ्रांसीसी सैनिक के हमले में बाबा शहीद हो गए। अंग्रेज कमांडर बिलियम द्वारा लिखी गई ‘आंखों देखी’ पुस्तक में बताया गया कि गोरों की फौज घंटों तक शाहमल के शव से भी डरती रही। शहादत स्थल पर आये हुक्मरानों ने अपने सैनिकों का यह व्यवहार देख उन पर ही गोलियां बरसा दी थीं। यहां बरगद के पेड़ पर दी थी 32 क्रांतिकारियों को फांसी बिजरौल गांव में वह पेड़ आज भी क्रांतिकारियों के उस जज्बे का गवाह है, जहां एक साथ 32 क्रांतिकारियों को अंग्रेजी सरकार ने फांसी पर लटकाया था। Google location



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