BHUTESHWAR RED TEMPLE,DATTIYANA,HAPUR प्राचीन भूतेश्वर,लाल शिव मंदिर,दत्तीयाना,हापुड़.
प्राचीन भूतेश्वर,लाल शिव मंदिर,दत्तीयाना,हापुड़. भूतों से जुड़ा हैं दत्तियाना का लाल मंदिर का इतिहास हापुड़ क्षेत्र के गांव दत्तियाना में लाल मंदिर के नाम से प्रसिद्ध शिव मंदिर में प्रतिदिन श्रद्धालु पूजा करने आते हैं। इस मंदिर में दूरदराज से आने वाले हजारों शिवभक्त फाल्गुन, श्रावण माह में भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं। मान्यता है कि इस मंदिर में मनोकामना लेकर आने वाले भक्त यदि पूर्ण आस्था के साथ भोलेनाथ की अर्चना करते हैं, तो उनकी मनोकामना अवश्य पूरी होती है। मंदिर का इतिहास गांव दतियाना दिल्ली-हापुड़-लखनऊ राष्ट्रीय राजमार्ग से लगभग आठ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां स्थापित शिव मंदिर गांव को एक अलग पहचान दिलाता है। लाल ईंटों से बने इस मंदिर की भव्यता व निर्माणकला को देख कर लोग दंग रह जाते हैं। ग्रामीणों के अनुसार, कई सौ वर्ष पुराने इस मंदिर को एक ही रात में भूतों ने बनाया गया था, लेकिन दिन निकलने तक मंदिर की चोटी का निर्माण नहीं हो पाया था। दिन निकलने के बाद भूत गायब हो गए, इस कारण यह अधूरा रह गया था। मंदिर की चोटी का निर्माण बाद में राजा नैन सिंह ने कराया था। 1980 में शिखर में दरारें पड़ गई और इसे दोबारा नए सिरे से उसी तरह बनाया गया जैसे पहले था । मंदिर की विशेषता मंदिर की विशेषता यह है कि इसके निर्माण में किसी तरह की मिट्टी अथवा चूने का प्रयोग नहीं किया गया है। इसके निर्माण में बड़ी ही महीन और उत्कृष्ट कारीगरी का प्रदर्शन किया गया है। तेज धूप और बरसात के पानी का भी मंदिर के भवन पर कोई असर नहीं होता है। ग्रामीणों के अनुसार, इस मंदिर की लगभग 600 मीटर की परिधि में कोई आपदा असर नहीं करती है। जब क्षेत्र में ओलावृष्टि होती है तो यह मंदिर पर इन आपदाओं का कोई प्रभाव नहीं होता है। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि मंदिर का निर्माण किसने किया, वास्तुकला तीसरी शताब्दी में गुप्ता काल के दौरान निर्माण के संकेत दिखाती है जब ईंट के मंदिर लोकप्रिय थे। मंदिर के पत्थरों पर नक्काशी है, जो गुप्ता काल को दर्शाती है।
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