हवेली आगा खां: ताजमहल के नजदीक है मुमताज के किन्नर सेवादार की हवेली आगा खां.
हवेली आगा खां: ताजमहल के नजदीक है मुमताज के किन्नर सेवादार की हवेली आगा खां.
मुमताज की सेवा में तैनात किन्नर के लिए भी बनाई गई थी हवेली, इंडो इस्लामिक शैली में है संरचना बादशाह जिसको पसंद करते थे। उसके लिए कुछ भी करने से नहीं हिचकते थे। बादशाह शाहजहां की बेगम मुमताज को किसी तरह की दिक्कत न हो। इसके लिए उनकी सेवा में एक किन्नर को तैनात किया गया था। मुमताज महल की सेवा में तैनात ख्वाजासरा की हवेली है, जिसे हवेली आगा खां के नाम से जानते हैं। हालांकि अब इसके अवशेष ही रह गए हैं, लेकिन यहां पर्यटक जरूर जाते हैं। यहां से ताज का व्यू देखने लायक होता है।
यह इमारत किसी रानी या राजा के लिए नहीं, बल्कि एक किन्नर के लिए बनवाया गया था। ताजमहल के संग्रहालय में प्रदर्शित ब्रिटिशकालीन ड्राइंग्स में आगा खां की हवेली का जिक्र मिलता है। इस हवेली को ताजमहल और हवेली खान-ए-दुर्रां के बीच बनाया गया है। इतिहास के अनुसार आगा खां हवेली का निर्माण दशहरा घाट से पूर्वी दिशा पर यमुना किनारा पर किया गया था।
मुमताज की सुरक्षा के लिए बनी थी हवेली �इस हवेली को मुमताज की सुरक्षा करने के लिए बनाया गया था। आस्ट्रियन इतिहासकार ईवा कोच ने अपनी किताब ‘द कंप्लीट ताजमहल एंड द रिवरफ्रंट गार्डन्स आफ आगरा’ में हवेली आगा खां के बारे में बताया है कि आगा खां मुमताज की सेवा में तैनात एक किन्नर थे। यह ताजमहल से दूर रहकर मुमताज की सुरक्षा पर ध्यान देते थे। इसलिए इस हवेली का नाम भी आगा खां रखा गया था। यह हवेली बहुत बड़ी थी, जिसकी संरचना इंडो-इस्लामिक शैली में बनाई गई थी। हालांकि, अब इस हवेली के तीन मंजिला बुर्ज ही अवशेष के रूप में बाकी रह गए हैं।
संरक्षित स्मारकों की सूची में है शामिल �भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने हवेली आगा खां को संरक्षित स्मारक घोषित किया है। इस हवेली का जिक्र ताजमहल के म्यूजियम में प्रदर्शित ब्रिटिशकालीन ड्राइंग्स में भी मिलता है। इस खूबसूरत हवेली का कोई प्रवेश शुल्क नहीं है। यहां बड़ी संख्या में पर्यटक जाते हैं। खास बात ये है कि यहां से ताजमहल का यमुना के साथ काफी अच्छा व्यू आता है।
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